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तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus

तबला आणि पखवाज म्हणजेच मृदंग अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालय मंडळ तर्फे घेण्यात येणाऱ्या प्रारंभिक ते विशारद तसेच अलंकार परीक्षांचे अभ्यासक्रम पाठ्यक्रम Tabla Pakhawaj Visharad - Alankar syllabus तुम्हाला इथे मिळणार आहे.. प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, प्रवेशिका पूर्ण, मध्यमा प्रथम, मध्यमा पुर्ण, विशारद प्रथम, विशारद पूर्ण, तसेच अलंकार प्रथम , अलंकार पूर्ण परीक्षांचे अभ्यासक्रम काय आहे ते तुम्हाला इथे मिळणार आहे.

अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus
तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus 

विषय : तबला पखावज विशारद - अलंकार पाठ्यक्रम | Tabla Pakhawaj Visharad - Alankar syllabus 


महत्वपूर्ण सूचना :

प्रवेशिका प्रथम से विद्यार्थिओं को सभी वादन लहरा के साथ करना होगा। प्रवेशिका प्रथम से केवल क्रियात्मक के पाठयक्रम का पुनरावर्तन होगा। साथ संगत के प्रश्न की परीक्षा प्रत्यक्ष रूप से किसी गायक या वादक के साथ अनिवार्य है। Tabla Pakhawaj Visharad - Alankar syllabus


तबला - पखावज : प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, प्रवेशिका पूर्ण परीक्षा पाठ्यक्रम syllabus 

प्रारंभिक परिक्षा - तबला पखावज 

अभ्यासक्रम syallabus 

पूर्णांक : 50, न्यूनतम : 18

क्रियात्मक : 40 शास्त्र (मौखिक) : 10

अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus 

शास्त्र मौखिक रूप में :


(1) निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा

मात्रा, ताल, सम, ताली, खाली, विभाग, दुगुन, आवर्तन

क्रियात्मक :

1) अपने वाद्य पर बजने वाले सभी प्रमुख स्वतंत्र वर्णों के वादन विधि का समुचित ज्ञान ।
2)ताली, खाली दिखाकर बोलने की तथा बजाने की क्षमता

अ) निम्नलिखित सभी तालों को ठाह तथा दुगुन में हाथ से

1) तबला : त्रिताल, झपताल, दादरा तथा कहरवा

2) पखावज : आदिताल, चौताल, तथा सूलताल। ब) रूपक / तीव्रा ताल को बराबर की लय में बोलने की तथा बजाने की क्षमता ।

3) निम्नलिखित तालों में विस्तार

तबला :

अ) त्रिताल :- एक 'तिट' का एवम 'तिरकिट' का कायदा, तीन पलटे तिहाई सहित

ब) त्रिताल और झपताल मे सम से सम तक न्यूनतम एक एक तिहाई

पखावज :
अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus
अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus 


अ) चौताल मे धागेतिट तथा धूमकिट बोलयुक्त रचना प्रकारों का बराबर की लय में वादन।
अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus 

अंकपत्रिका :

सूचना : 1) इस परीक्षा के लिए हर एक विद्यार्थी को 10 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है। तथा सभी कॉलम के अनुरूप प्रश्न

पूछना अनिवार्य है। 2) पखावज के लिए अभ्यासक्रमानुसार पखावज के ताल पुछे जाएँगे ।

1) परिभाषा -10 अक

2) वर्ण तथा तालों के ठेके एकगुन, दुगुन बजाना - 10 अंक

3) तालों के ठेके हाथ पर ताल देकर पढना - 10 अंक 
4) त्रिताल, झपताल में अभ्यासक्रम के अनुसार वादन- 10 अंक

5) रूपक में अभ्यासक्रम के अनुसार वादन - 12 अक

6) सामान्य प्रभाव - 3 अंक

कुल = 50 अंक

प्रवेशिका प्रथम वर्ष - तबला पखवाज 

अभ्यासक्रम Praveshika Pratham Tabla Pakhawaj syllabus 

तबला पखावज

पूर्णांक: 75, न्यूनतम : 26 क्रियात्मक : 60 मौखिक : 15

शास्त्र (मौखिक रूपमें):

1) निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा :
संगीत, नाद, स्वर, लय, बोल, ठेका, किस्म, कायदा, मुखड़ा, तिहाई, तिगुन, चौगुन, तुकड़ा

2) रूपक/ तीव्रा तथा एकताल / आदिताल को बराबर तथा दुगुन में हाथ से ताली खाली दिखाकर बोलने की क्षमता 3) तबला / पखावज तथा उसके विभिन्न अंगो का वर्णन

क्रियात्मक :

1) रूपक/ तीव्रा तथा एकताल / आदिताल को बराबर तथा दुगुन में बजाने की क्षमता

2) निम्नलिखित तालों में विस्तार

तबला प्रवेशिका प्रथम :

त्रिताल : दो किस्म, धाती का एक कायदा, तथा तीन पलटे,

तिहाई सहित दो मुखडे, दो तुकड़े-

झपताल: 'तिट' का एक कायदा तीन पलटे, तिहाई, एक

किस्म, एक टुकड़ा और सम सम तक दो तिहाई

पखावज प्रवेशिका प्रथम: 

अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus
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चौताल तथा सूलताल में दो -दो मरने, एक रेला (4.4 पल्टों के साथ) तथा दो-दो समसे समतक तिहाइयाँ

अंकपत्रिका :
सूचना : 1) इस परीक्षा के लिए हर एक विद्यार्थी को 15 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है।
2) इस परीक्षा से विद्यार्थियों को सभी वादन लहरा के साथ करना होगा।

3) पखावज के लिए पाठ्यक्रमानुसार पखावज के ताल पूछे जाएँगे ।

1) पाठ्यक्रम के ठेकों को दुगुन में बजाना - 10 अंक

2) परिभाषा, तालों के ठेके हाथ पर ताल देकर पढ़ना - 10 अक

3) दाये - बाए का वर्णन - 05 अंक

4) त्रिताल में वादन 20 अंक

5) झपताल मे वादन 1- 25 अंक

6) सामान्य प्रभाव - 05 अंक

कुल 75 अंक



प्रवेशिका पूर्ण : पखावज तबला

अभ्यासक्रम syallabus of tabla Pakhawaj praveshika purna

पूर्णांक : 125, न्यूनतम : 44

शास्त्र 50, न्यूनतम : 18 क्रियात्मक : 75, न्यूनतम : 26

शास्त्र :

1) विलंबित मध्य तथा द्रुतलय का ज्ञान ।

2) तबला / पखावज के विभिन्न वर्ण और उन्हें अपने वाद्य पर निकालने की विधि :

अ) केवल दाहिने हाथसे बजने वाले वर्ण

ब) केवल बाये हाथसे बजने वाले वर्ण

क) दोनो हाथसे एक साथ बजने वाले वर्ण

3) निम्नलिखित बोलों की निकास विधि लिखिये : तिरकिट तकडां, कडधा, किटतक, धिड़नग, धिरधिर, त्रक, कडधान्, गदीगन

4) पं. भातखंडे तथा पं. पलुस्कर ताल लिपि पद्धतियों की संपूर्ण जानकारी ।

5) निम्नलिखित तालों को दोनों ताल लिपि पद्धतियों में लिपि बद्ध करने का अभ्यास : तबला : त्रिताल, दादरा, कहरवा, झपताल, रूपक

पखावज प्रवेशिका पूर्ण: 
Pakhawaj Praveshika purn 
चौताल, सूलताल, तीव्रा, धमार, तथा आदिताल 6) त्रिताल / चौताल तथा झपताल/सूलताल के टुकड़ों को पं. भातखंडे ताललिपि पद्धति में लिपिबद्ध करने का अभ्यास

7) निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा :

कायदा, रेला, पलटा, तिहाई, मुखडा, लग्गी, उठान, चक्रदार, मोहरा

क्रियात्मक :


१) निम्नलिखित तालों के ठेकों को हाथ से ताल देकर दुगुन लय में बोलने का तथा बजाने का अभ्यास :
तबला धुमाली, दिपचन्दी, चौताल, तेवरा पखावज : धमार, तीव्रा, त्रिताल

2) इस वर्ष के शास्त्र पक्ष में उल्लिखित सभी बोलों को भलीभाँति निकालने की क्षमता

3) निम्नलिखित तालों में विस्तार

(तबले के विद्यार्थी)

अ) त्रिताल : 'त्रक' तथा 'धातीधागे' का, एक-एक कायदा, चार पलटे, तिहाई एक रेला, चार किस्म एक चक्रदार, दो टुकड़े,

झपताल: एक कायदा, दो तिहाई, क) एकताल : दो तिहाई, दो टुकडे,

ड) दादरा तथा कहरवा मे दो सरल लग्गीयाँ इ) रूपक : दो किस्म, दो तिहाई, दो टुकड़े

(पखावज के विद्यार्थी)

अ) चौताल

ब) सूलताल

: दो रेले, एक पडार, दो साधारण परने,

दो चक्रदार परने तथा दो टुकड़े

एक रेला, दो परने,

क) धमार : दो परने, दो तिहाईयाँ, दो टुकडे

ड) तीव्रा ठेके के दो प्रकार, दो परन, दो तिहाईयाँ 4) तबला. छोटा ख्याल अथवा रजाखानी गत के साथ त्रिताल में संगत करने की क्षमता।

पखावज : ध्रुपद के साथ संगत करने की क्षमता

5) क्रियात्मक में लिखित सभी रचना प्रकारों की हाथ से ताल देकर पढन्ता

अंकपत्रिका :

सूचना : १) इस परीक्षा के लिए हर एक विद्यार्थी को 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है।

२) विद्यार्थी को सभी वादन लहरा के साथ करना होगा।
३) पखावज के लिए पाठ्यक्रमानुसार पखावज के ताल पूछे जाएँगे ।

1) तालों के ठेके तथा उनकी दुगुन बजाना - 10 अंक


2) निकास- 05 अंक

3) त्रिताल मे वादन - 20 अंक

4) झपताल, एकताल, रुपक मे वादन - 15 अंक  

5) दादरा तथा कहरवा में लग्गियाँ ,- 05 अंक

6) साथसंगत (क्रियात्मक पाठ्यक्रम के अनुसार ) - 05 अंक

7) हाथ से ताल देते हुने पढन्त -10 अंक

8) सामान्य प्रभाव 05 अंक

कुल मौखिक 75 अंक

अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालयाच्या विशारद अलंकार तबला - पखवाज प्रारंभिक, प्रवेशिका प्रथम, पूर्ण परिक्षा अभ्यासक्रम | abgmv tabla pakhawaj syllabus 

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